लैक्टोफेरिन (Lactoferrin): बुढापे को पास भी नहीं फटकने देता
लैक्टोफेरिन (Lactoferrin) एक ऐसा सुपर प्रोटीन है जो बुढ़ापे को धीमा करता है, सूजन को घटाता है, आंतों की परत की मरम्मत करता है और माइटोकॉन्ड्रिया को सुरक्षा देता है। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है और कैंसर से लड़ने में मदद करता है। जानिए इसके स्रोत और लाभ।
हर कोई आजकल व्हे प्रोटीन को लेकर पागल है लेकिन वैज्ञानिकों ने इससे बेहतर कुछ खोज निकाला है —एक ऐसा प्रोटीन जो कोशिकीय बुढ़ापे को उल्टा कर सकता है। यह आपको हमेशा जवान बनाए रख सकता है काफी हद तक। यह सूजन को कम करता है, आपकी आंत को ठीक करता है और माइटोकॉन्ड्रिया (ऊर्जा स्रोत) की रक्षा करता है। आइए जानते हैं लैक्टोफेरिन (Lactoferrin) के बारे में। दुनिया के वैज्ञानिक मानते हैं कि यह मल्टीफंक्शनल प्रोटीन लंबे जीवन का रहस्य हो सकता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि यह दीर्घायु के तीन स्तंभों को सहारा देता है:
• इम्यून सिस्टम का संतुलन
• आंतों का स्वास्थ्य
• कोशिकाओं की मरम्मत
🔹 जब हम उम्रदराज़ होते हैं, शरीर में 3 बड़ी समस्याएं होती हैं:
1. क्रॉनिक सूजन (Chronic Inflammation)
2. लीकी गट (आंतों की परत में छेद)
3. सेलुलर एनर्जी की कमी (माइटोकॉन्ड्रिया का विफल होना)
1. यह सूजन से लड़ता है
सूजन ही बुढ़ापा, कैंसर, हार्ट डिजीज और ब्रेन डीजेनेरेशन का कारण बनती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि लैक्टोफेरिन:
• सूजन बढ़ाने वाले साइटोकाइन्स (IL-6, TNF-α) को घटाता है
• इम्यून सिस्टम को बैलेंस करता है
• ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है
इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली जवान और सक्रिय बनी रहती है।
2. यह आंतों की परत की मरम्मत करता है
आंत केवल पाचन नहीं, बल्कि इम्यून सिस्टम, मस्तिष्क और उम्र से जुड़ी होती है। लैक्टोफेरिन आंतों की परत को मजबूत बनाता है और हानिकारक बैक्टीरिया से रक्षा करता है।
🔸 लीकी गट को ज़्यादातर लोग नज़रअंदाज़ करते हैं, लेकिन यह उम्र बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। यह खून में टॉक्सिन्स को जाने देता है, जिससे पूरे शरीर में सूजन हो जाती है।
लैक्टोफेरिन इन लीक को सील करता है और आंत को सामान्य करता है — यह अकेला बदलाव आपकी उम्र बढ़ा सकता है।
3. यह माइटोकॉन्ड्रिया की रक्षा करता है
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, कोशिकाओं के पावर प्लांट यानी माइटोकॉन्ड्रिया कमजोर हो जाते हैं।
इससे होता है:
• कम ऊर्जा
• धीमी मेटाबॉलिज्म
• रोगों का बढ़ता खतरा
लैक्टोफेरिन: माइटोकॉन्ड्रिया को नुकसान से बचाता है और नए और स्वस्थ माइटोकॉन्ड्रिया बनाने में मदद करता है। इससे ऊर्जा बढ़ती है, रिकवरी तेज़ होती है और बुढ़ापा धीमा पड़ता है।
4. यह कोशिकीय उम्र को धीमा करता है
अब बात आती है असली चमत्कार की, लैक्टोफेरिन शरीर की मरम्मत करने वाली प्रणालियों को सक्रिय करता है और ‘सैनेसेंट सेल्स’ को हटाने में मदद करता है।
🧟♂️ ये “ज़ोंबी सेल्स” क्या हैं?
• ये क्षतिग्रस्त होते हैं
• विभाजित होना बंद कर चुके होते हैं
• लेकिन मरते नहीं
ये आस-पास की स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं। लैक्टोफेरिन इन ज़ोंबी सेल्स को हटाकर शरीर को जवान रखता है।
5. यह कैंसर से लड़ने में भी सहायक हो सकता है
प्रारंभिक शोध से पता चला है कि लैक्टोफेरिन:
• ट्यूमर की वृद्धि धीमी करता है
• शरीर की कैंसर-से-लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है
• कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है
यह कोई चमत्कारी इलाज नहीं है, लेकिन इसके फायदे काफी आशाजनक हैं।
अब सवाल ये आता है कि लैक्टोफेरिन कहाँ से मिलेगा?
आपके पास 3 विकल्प हैं:
• प्राकृतिक स्रोत: कोलोस्ट्रम (जन्म के तुरंत बाद का पहला दूध)
• सप्लीमेंट्स: गाय के दूध से निकाला गया
• कुछ दही और फोर्टिफाइड डेयरी प्रोडक्ट्स
🧴 सप्लीमेंट लेते समय ध्यान दें:
• अच्छी गुणवत्ता देखें
• “Apolactoferrin” (आयरन-फ्री प्रकार) को प्राथमिकता दें — यह सूजन के खिलाफ बेहतर काम करता है
• रोज़ाना 250–500mg से शुरुआत करें
• डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें — खासकर अगर आपको ऑटोइम्यून या आयरन मेटाबोलिज़्म की समस्या हो
🔚 निष्कर्ष: व्हे प्रोटीन मांसपेशियों के लिए अच्छा है। लैक्टोफेरिन उम्र को मात देने के लिए। यह सूजन से लड़ता है, आंत को ठीक करता है। कोशिकाओं की बैटरी (माइटोकॉन्ड्रिया) की रक्षा करता है और आपकी कोशिकाओं को जवान बनाए रखता है। आंत की कमजोरी हो या कोशिकीय ऊर्जा की कमी। यह उसे दूर कर बुढ़ापे की रफ्तार को रोक देता है।