Gurukul Of Health

प्राचीन चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत संगम।

Side Sleeping Health Effects: सोने का सही तरीका क्या हो?

Side Sleeping Health Effects: सोने का सही तरीका क्या हो?

करवट लेकर सोना भले ही आरामदायक लगे, लेकिन यह धीरे-धीरे आपके कंधों, कूल्हों, गर्दन और घुटनों को नुकसान पहुँचा सकता है। यह लेख बताएगा कि इससे शरीर को क्या नुकसान होता है और कैसे सही तकनीकों और सुबह की स्ट्रेचिंग से इन दुष्प्रभावों को रोका जा सकता है।   (Side Sleeping Health Effects)

Side Sleeping Health Effects

करोड़ों लोग करवट लेकर सोते हैं और उन्हें यह बिल्कुल अंदाज़ा नहीं होता कि यह धीरे-धीरे उनके जोड़ों और मांसपेशियों को नुकसान पहुँचा रहा है। लेकिन यह कहना कि “बस पीठ के बल सो जाओ” — अधिकांश लोगों के लिए बिल्कुल खराब सलाह है। (Side Sleeping Health Effects)

करवट लेकर सोने के जोखिम और सही करने के उपाय

🔹 10 वर्षों में आपका शरीर लगभग 25,000 घंटे आपकी पसंदीदा नींद की मुद्रा में बिताता है। करवट लेकर सोने वालों के लिए, ये 25,000 घंटे कंधों, कूल्हों और घुटनों पर असमान दबाव डालते हैं।

आपके शरीर के साथ क्या होता है:

  1. कंधे का दबाव: नीचे वाला कंधा ऊपरी शरीर का भार घंटों तक उठाता है। इससे रक्त प्रवाह रुकता है और कंधा अंदर की ओर घूमता है, जिससे “साइड स्लीपर शोल्डर” (कंधे का लगातार दर्द, मूवमेंट की कमी) की समस्या हो सकती है।
  2. पैरों पर तनाव: ऊपर वाला पैर आगे की ओर झुकता है, जिससे जांघ के बाहरी हिस्से (IT बैंड) पर तनाव पड़ता है। इससे पेल्विस और रीढ़ की हड्डी भी घूम सकती है, जिसके परिणामस्वरूप जकड़न, कूल्हे और घुटने में दर्द होता है।
  3. गर्दन का तिरछापन: सही तकिया न होने पर सिर पूरी रात तिरछा रहता है, जैसे मोबाइल को कंधे और कान के बीच फंसा रखना। रीढ़ इसकी भरपाई करने लगती है, जिससे गर्दन और पीठ में तनाव बना रहता है।
  4. घुटनों का प्रभाव: घुटनों के बीच तकिया न रखने पर वे आपस में चिपक जाते हैं, जिससे जांघों की अंदरूनी मांसपेशियाँ सिकुड़ती हैं और पैरों की मुद्रा “नॉक-नी” जैसी बन सकती है। यह चलने-खड़े होने को प्रभावित करता है।
ALSO READ  नारियल पानी के फायदे - Benefit of Nariyal Panni

समस्या क्या है?

“बस पीठ के बल सो जाओ” व्यावहारिक सलाह नहीं है। नींद की मुद्राएं आदतन गहराई से जुड़ी होती हैं, और हर मुद्रा सही सपोर्ट के बिना नुकसानदायक हो सकती है।

करवट लेकर सही तरीके से सोने के उपाय:

  • गर्दन और रीढ़ की सीध में रखने वाला उचित ऊँचाई वाला तकिया इस्तेमाल करें।
  • घुटनों के बीच तकिया रखें ताकि हिप्स की अलाइनमेंट बनी रहे।
  • एक बॉडी पिलो इस्तेमाल करें जो ऊपर के हाथ और पैर दोनों को सहारा दे।
  • एक ही साइड पर न सोएँ, समय-समय पर करवट बदलें।

सुबह की शुरुआत: थकान और तनाव को मिटाने के लिए स्ट्रेचिंग रूटीन

  1. अपवर्ड सैल्यूट: खड़े हों, पैर कूल्हे जितनी दूरी पर; दोनों हाथ सिर के ऊपर उठाएँ, कंधे की चौड़ाई पर रखें और ऊपर की ओर खींचें।
  2. रिवर्स शोल्डर स्ट्रेच: हाथों को पीठ के पीछे जोड़ें, अंगूठे नीचे; हाथों को धीरे-धीरे पीछे ले जाएँ, कंधे नीचे और सीना ऊपर उठाएँ।
  3. गर्दन की साइड स्ट्रेच: बैठकर रीढ़ सीधी रखें; एक हाथ कुर्सी पर, दूसरा सिर के ऊपर; सिर को एक ओर झुकाएँ और हल्का दबाव दें।
  4. अपवर्ड डॉग: पेट के बल लेटें, हाथ पसलियों के पास; सीना उठाएँ, पीठ हल्के से पीछे झुकाएँ।
  5. डाउनवर्ड डॉग: हाथ और घुटनों से शुरुआत करें; हिप्स ऊपर उठाएँ, हथेलियों को दबाएँ, गर्दन ढीली छोड़ें।
  6. वाइड लेग फॉरवर्ड बेंड: पैर फैला कर खड़े हों; कमर से झुकें, हाथ टखनों पर रखें, सिर ढीला छोड़ दें。
ALSO READ  गर्म पानी पीने के फायदे - Benefit of Hot Water

अतिरिक्त सुझाव:

  • गद्दे की सख्ती मध्यम-फर्म रखें।
  • तकियों को हर 18-24 महीनों में बदलें।
  • गर्दन को सहारा देने वाले विशेष तकिए पर विचार करें।

करवट लेकर सोने के फायदे:

  • घोरणा (snoring) कम कर सकता है।
  • एसिड रिफ्लक्स को कम कर सकता है (बाएं करवट पर)।
  • कुछ लोगों के लिए मानसिक आराम देता है, जिससे नींद गहरी होती है।

निष्कर्ष:

करवट लेकर सोना स्वतः खराब नहीं है। असल दिक्कत है सोते समय सही संतुलन की कमी और दिन में गतिशीलता का अभाव। थोड़ी-सी सचेत शारीरिक हरकत आपके शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकती है।

आपके काम की खबरें

TRENDING NOW
YOU MAY LIKE

Leave a Comment