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Obesity का असली कारण: कैलोरी नहीं, Insulin है

Obesity का असली कारण, कैलोरी नहीं, Insulin है

डॉ. रॉबर्ट लस्टिग के 25 वर्षों के शोध से यह सामने आया है कि वजन घटाने का रहस्य कैलोरी कम करना नहीं, बल्कि Insulin को नियंत्रित करना है। यह लेख बताता है कि कैसे कार्ब्स, तनाव, नींद और प्रोसेस्ड फूड मोटापे (Obesity) के असली कारण हैं और स्वस्थ जीवन के लिए किस तरह का आहार जरूरी है।

Obesity

डॉ. रॉबर्ट लस्टिग ने 25 वर्षों से अधिक समय तक यह साबित करने में बिताया है कि मोटापा केवल “कम खाओ, ज्यादा चलो” का मामला नहीं है। उनकी खोज ने वजन घटाने को लेकर चली आ रही पारंपरिक धारणाओं को पूरी तरह उलट दिया है। उनके अनुसार, मोटापे का असली कारण कैलोरी नहीं, बल्कि इंसुलिन है। यहाँ हैं वो सात विज्ञान-आधारित तथ्य, जो बताते हैं कि वजन कम करने की कुंजी इंसुलिन को नियंत्रित करना है:

1. “कैलोरी इन बनाम आउट” को भूल जाइए

डॉ. लस्टिग के अनुसार, मोटापे का आधार इंसुलिन है, न कि कैलोरी:

  • इंसुलिन शरीर में फैट स्टोरेज को नियंत्रित करता है।

  • ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स (कार्ब्स) लेने से इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, जो फैट जमा करता है।

  • लगातार हाई-कार्ब डाइट लेने से इंसुलिन रेसिस्टेंस हो जाती है, जिससे शरीर की फैट जलाने की क्षमता रुक जाती है।

2. बिना डाइट बदले भी बढ़ सकता है फैट

तनाव मोटापे का एक छिपा हुआ कारण हो सकता है:

  • पुराना तनाव कॉर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है, जो इंसुलिन रेसिस्टेंस को ट्रिगर करता है।

  • भले ही आपकी डाइट और व्यायाम ठीक हों, तनाव के कारण शरीर फैट जमा कर सकता है।

  • इसलिए, फैट लॉस की शुरुआत नर्वस सिस्टम की सेहत से होती है।

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3. हर चीनी एक जैसी नहीं होती

सभी प्रकार की शक्कर समान नहीं हैं:

  • फलों में मौजूद प्राकृतिक शक्कर फाइबर के साथ आती है, जो शक्कर को धीरे-धीरे अवशोषित करती है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स व पोषक तत्व भी होते हैं।

  • फल खाने से पेट भरता है, जिससे ज्यादा खाना मुश्किल होता है।

  • लेकिन प्रोसेस्ड शक्कर (जैसे सोडा में फ्रक्टोज़) मेटाबॉलिक विनाश का कारण बनती है।

4. ग्लाइसेमिक इंडेक्स का भ्रम

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) यह मापता है कि 50 ग्राम कार्ब्स खाने से ब्लड शुगर कितना बढ़ता है। यह सुनने में उपयोगी लगता है, लेकिन:

  • वास्तव में कोई भी एक बार में ठीक 50 ग्राम कार्ब्स नहीं खाता।

  • GI वास्तविकता से कटा हुआ सिद्धांत है, जो व्यावहारिक नहीं है।

5. BMI है भ्रामक

बॉडी मास इंडेक्स (BMI) केवल ऊँचाई और वजन पर आधारित है, लेकिन:

  • यह आंतरिक चर्बी (Visceral Fat) को नहीं मापता, जो सबसे खतरनाक होती है।

  • दुबले-पतले लोग भी खराब नींद, आहार, या तनाव के कारण आंतरिक चर्बी से पीड़ित हो सकते हैं।

  • तनावपूर्ण जीवनशैली पेट की चर्बी को सूजन से भरा बना सकती है।

6. चर्बी नहीं, कार्ब्स बढ़ाते हैं कोलेस्ट्रॉल

वर्षों तक यह माना गया कि फैट खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, लेकिन डॉ. लस्टिग बताते हैं:

  • प्रोसेस्ड कार्ब्स ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाते हैं, जो LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को नुकसान पहुँचाते हैं।

  • ये छोटे, घने LDL कण बनाते हैं, जो हानिकारक हैं।

  • स्वस्थ फैट खाने से शरीर अपना कोलेस्ट्रॉल कम बनाता है, जो एक प्राकृतिक संतुलन बनाए रखता है।

7. इंसुलिन हानिरहित नहीं है

लगातार बढ़ा हुआ इंसुलिन स्तर:

  • उम्र बढ़ने को तेज करता है।

  • सूजन (इन्फ्लेमेशन) को बढ़ाता है।

  • मधुमेह और हृदय रोग जैसे खतरे बढ़ाता है।

  • यही कारण है कि टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीज औसतन 10–15 साल कम जीते हैं, भले ही वे दवाइयाँ लें।

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8. फैट कभी खलनायक नहीं था

कम फैट के नाम पर दुनिया को प्रोसेस्ड कार्ब्स और फूड्स से भर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप:

  • 40% से अधिक आबादी मोटापे का शिकार है।

  • जीवनशैली से जुड़े रोगों की महामारी फैल रही है।

  • स्वस्थ वसा हार्मोन को संतुलित रखती है, सूजन कम करती है, और ऊर्जा प्रदान करती है।

अंतिम निष्कर्ष: असली समाधान

हमें बताया गया कि कम फैट खाओ, कैलोरी गिनो, और रेड मीट से बचो। लेकिन डॉ. लस्टिग का कहना है: “असली खाना खाओ, इंसुलिन को नियंत्रित करो, और पूरे सिस्टम को ठीक करो।”

सही आहार का आधार:

  • प्रोटीन

  • स्वस्थ वसा

  • फल और संपूर्ण (Whole) खाद्य पदार्थ

इसके साथ जोड़ें:

  • सूरज की रोशनी ☀️

  • गहरी नींद 😴

  • तनाव नियंत्रण 🧘

  • नियमित हलचल 🚶‍♂️

स्वास्थ्य का रहस्य कैलोरी नहीं, इंसुलिन है। अब समय है मिथकों को छोड़कर शरीर की प्रकृति को समझने का।

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